Wednesday, February 22, 2017

हैरानी


बात हैरानी की है,
ज़रा परेशानी की है।
समझो तो गम्भीर है,
वरना नादानी की है।
आखिर अधिकारी और चपरासी में,
क्या है अंतर ?
अधिकारी रहता बेफिक्र ,
तो चपरासी मस्त कलंदर।
अधिकारी की अपनी ,
खास सीट है।
तो चपरासी केबिन के बाहर,
फिट है।
अधिकारी हो मुंह फट - फूहड़।
तो चपरासी पड़ता है है लड़ झगड़।
दोनों के मुंह लगा पान,
वो भी एक ही दूकान का।
जी चाहा तो काम किया वर्ना इंटरवल,
सानी नहीं कोई शान का।
केवल एक अंतर जो समझ आता है ,
सोचने पर बार बार।
चपरासी को घूस देनी होती है दस -बीस ,
अधिकारी को दस -बीस हज़ार।।


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